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पर्यावरण पर निबंध – Environment Essay In Hindi
Paryavaran Par Nibandh – हेल्लो फ्रेंड्स , कैसे है आप ? आज के इस लेख में हम आपके लिए लेकर आये है पर्यावरण पर निबंध ( Short and Long Essay on Environment In Hindi ). पर्यावरण पर निबंध को हमने यहाँ अलग – अलग शब्दों में प्रस्तुत किया है आप अपने हिसाब से इसका चयन कर सकते है ! मुझे उम्मीद है कि पर्यावरण पर निबंध आपको बहुत हेल्प करेंगे ! तो आइये शुरू करते है Environment Essay In Hindi / Essay on Environment In Hindi –
Save Environment Essay 100 Words In Hindi
हमारे चारो और के आवरण को ही पर्यावरण कहाँ जाता है ! पर्यावरण के अंतर्गत मनुष्य ही नहीं अपितु जीव – जंतु , पेड – पोधे , पशु – पक्षी , नदियाँ , पहाड़ तथा झरने आदि सभी आते है !
बिना पर्यावरण के हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है ! पर्यावरण ही हमें शुद्ध हवा , शुद्ध जल , शुद्ध भोजन आदि उपलब्ध करवाता है यहाँ तक कि हमारे जीवन के लिए जो भी चीजे महत्वपूर्ण है वह सभी वस्तुए हमें पर्यावरण से ही प्राप्त होती है !
वर्तमान में इन्सान ने अपने स्वार्थ की खातिर प्रकृति को कई प्रकार से नुकसान पहुचाया है जिससे पर्यावरण प्रदुषण में अधिक बढ़ोतरी हुई है !
यदि पर्यावरण स्वच्छ और साफ – सुथरा होगा तभी हम सवस्थ और अच्छे समाज की कल्पना कर सकते है ! हमें अधिक से अधिक पेड – पौधे लगाकर और प्लास्टिक और कचरे का सही निस्तारण करके पर्यावरण को स्वच्छ रखने में योगदान देना चाहिए !
Environment Essay In Hindi ( 200 Words )
हम जिस वस्तु से चारो और से घिरे हुए है वह पर्यावरण ही है ! पर्यावरण के अनतर्गत जैविक , अजैविक , प्राकृतिक तथा मानव निर्मित सभी वस्तुओ को शामिल किया गया है !
साधारण शब्दों में हम कह सकते है कि प्रकृति द्वारा दिए गए उपहार जैसे पेड – पौधे , हवा , पहाड़ , नदियाँ , झरने , वनस्पति आदि सभी पर्यावरण के अंग ही है !
जिस देश का पर्यावरण जितना स्वच्छ और शुद्ध होगा वहां का जीवन भी उतना ही स्वस्थ और सुखी होगा ! पर्यावरण शुद्ध होगा तभी हमारा समाज भी स्वस्थ होगा और उसका विकास भी होगा !
वर्तमान में मनुष्य ने पर्यावरण को प्रदूषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ! हरे – भरे पेड़ – पौधों को काटना , वृक्षारोपण नहीं करना , कारखानों से निकलने वाली धुआं का सही तरह से निस्तारण नहीं करना , प्लास्टिक का अधिक उपयोग करना आदि सभी कारणों से पर्यावरण प्रदुषण बढ़ा है !
यदि समय रहते पर्यावरण प्रदुषण की समस्या को नहीं रोका गया तो संसार को इसके गहन दुष्परिणाम भुगतने होंगे !
लोगो को जागरूक करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग करने हेतु हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस भी मनाया जाता है !
पर्यावरण हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है अतः उसका संरक्षण करना हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है ! हम सभी को मिलकर संयुक्त रूप से पर्यावरण को स्वच्छ और सुन्दर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान करना चाहिए !
Environment Essay In Hindi (500 Words )
प्रस्तावना
मनुष्य के लिए पर्यावरण एक ऐसा उपहार है जिसमे रहकर वह अपना जीवन गुजारता है ! इस प्रकृति ने पर्यावरण में मनुष्य को हर वह वस्तु दी है जो उसके जीवन के लिए आवश्यक है जैसे पानी , हवा , प्रकाश , वनस्पति , भोजन आदि !
पर्यावरण ने हमें जरुरत से ज्यादा संसाधन उपलब्ध करवाए है बदले में हमारा भी यह कर्तव्य बनता है कि हम भी पर्यावरण को सहजकर और सम्भालकर रखे ! हमें हमेशा पर्यावरण को साफ – सुथरा बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए !
यदि हम पर्यावरण को सवस्थ और साफ – सुथरा रखेंगे तो हम और हमारा समाज स्वस्थ और सुखी रहेंगे ! इसलिए हमें एक जिम्मेंदार नागरिक बनकर पर्यावरण के संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए !
पर्यावरण का महत्व ( Importance of Environment )
हर किसी जीवन के लिए चाहे वह मनुष्य हो या फिर जीव – जंतु सभी के लिए पर्यावरण का बहुत अधिक महत्व है ! पृथ्वी पर यदि जीवन उपलब्ध है तो वह सिर्फ पर्यावरण की वजह से ही है ! पर्यावरण ने सभी जीव – जन्तुओ के लिए शुद्ध पानी , शुद्ध हवा , शुद्ध भोजन तथा अन्य आवश्यक वस्तुओ की व्यवस्था की है ! पर्यावरण जलवायु , मौसम तथा हर वस्तु के लिए अपना संतुलन हमेशा बनाये रखता है !
वर्तमान में कल – कारखाने , उद्योगों आदि की वजह से पर्यावरण प्रदुषण में अधिक बढ़ोतरी हुई है ! कुछ मनुष्य निजी स्वार्थ के लिए हरे – भरे पेड़ो की कटाई कर रहे है जिससे भी प्रदुषण अधिक बढ़ा है ! यदि बढ़ते पर्यावरण प्रदुषण की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में धरती के तापमान में वृद्धि होगी जिससे ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न होगी ! और समुद्रो का जल स्तर भी बढ़ने लगेगा जो की एक गंभीर समस्या है !
पर्यावरण के संरक्षण के उपाय
यदि समय रहते हमने पर्यावरण के संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में यह पृथ्वी की सबसे गंभीर समस्या बन जाएगी ! मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो पर्यावरण का संरक्षण कर इसे बचा सकता है !
पर्यावरण के संरक्षण हेतु हमें पेड – पोधे की कटाई को रोककर अधिक से अधिक पेड़ – पौधे लगाने होंगे ! कचरे का सही तरह से निस्तारण करना होगा और प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा ! इसके अलावा उद्योगों से निकलने वाली जहरीली धुआं और कचरे का भी सही तरीके से निस्तारण करना होगा !
इसके अलावा प्रकृति ने उपहार स्वरूप जो चीजे हमें दी है उसका अनावश्यक दोहन को रोकना होगा ! हमें जरूरत के अनुसार ही उसका दोहन करना चाहिए और आने वाली पीढियों के लिए इन्हें संजोकर रखना चाहिए !
उपसंहार
पर्यावरण है तभी हम है ! यदि पर्यावरण को कोई नुकसान होता है तो इससे हमें भी हानि होगी ! हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम इस पर्यावरण की रक्षा करे !
सरकार को भी कठोर से कठोर कानून बनाकर पर्यावरण के संरक्षण पर अधिक ध्यान देना चाहिए ! पर्यावरण के प्रति लोगो में जागरूकता लाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है !
यदि हमें स्वस्थ वातावरण में रहना है और एक स्वस्थ और सुखी समाज को विकसित करना है तो पर्यावरण के संरक्षण में हमें अधिक ध्यान देना होगा ! हमारा यह कर्तव्य बनता है कि प्रकृति ने हमें जो चीजे दी है उसका संरक्षण भी हम करे !
Environment Essay In Hindi ( 1000 Words )
प्रस्तावना
धरती के चारो तरफ मौजूद आवरण को ही पर्यावरण कहा गया है ! धरती पर मौजूद सभी प्रकार के प्राणी , पेड – पौधे , पहाड़ , नदिया , झरने , वनस्पति आदि सभी पर्यावरण के ही तत्व है ! इन सभी तत्वों में पर्यावरण द्वारा ही संतुलन स्थापित किया गया है ! परन्तु वर्तमान में मनुष्य द्वारा अपने स्वार्थ की खातिर प्रकृति के इस संतुलन को नष्ट किया जा रहा है !
जब – जब भी मनुष्य ने प्रकृति के साथ छेड़ – छाड़ की है तब – तब प्रकृति ने अपना रोद्र रूप दिखाया है ! धरती के बढ़ते तापमान और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को रोकना है तो हमें पर्यावरण संरक्षण पर अधिक ध्यान देना होगा ! यदि पर्यावरण संरक्षण पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में इसके भयंकर दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे !
पर्यावरण का अर्थ ( Environment Meaning )
पर्यावरण प्रायः दो शब्दों से मिलकर बना है – परि + आवरण ! परि का अर्थ है “चारो और” जबकि आवरण का अर्थ है “ढका हुआ” ! इसका शाब्दिक अर्थ है ऐसा वातावरण जिसमे चारो तरफ से हम घिरे हुए है ! अर्थार्त वातावरण के अंतर्गत वह सभी प्रकार की वस्तुए शामिल है जो प्रकृति ने हमें दी है !
पर्यावरण की परिभाषा ( Environment Definition )
कुछ प्रसिद्ध विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषा इस प्रकार है –
जाने – माने प्रसिद्ध विद्वान् तास्ले के अनुसार , “ चारो और पाई जाने वाली परिस्थितियों के उस समूह से है जो मानव के जीवन व् उसकी क्रियाओ पर प्रभाव डालती है !”
प्रसिद्ध अमेरिकी विद्वान् हर्सकोविट्स के शब्दों में , “पर्यावरण उन समस्त बाहरी दशाओ और प्रभावों का योग है जो प्रत्येक प्राणी के जीवन और विकास को प्रभावित करते है !”
सरल शब्दों में हम कह सकते है कि हमारे चारो तरफ मौजूद आवरण को ही पर्यावरण कहा गया है जिसमे सभी जीव – जंतु , पशु – पक्षी , मनुष्य , पहाड़ , नदियाँ , तालाब , वनस्पति , झरने आदि शामिल है !
पर्यावरण के अंग ( Components of Environment )
पर्यावरण के अंगो को चार भागो मे बांटा गया है –
- स्थल मंडल ( Lithosphere ) : पर्यावरण के इस क्षेत्र के अंतर्गत धरती , मिट्टी , पहाड़ , नदियाँ , चट्टानें , भूमिगत जल आदि को शामिल किया गया है !
- वायुमंडल ( Atmosphere ) : वायुमंडल पर्यावरण का दूसरा सबसे अभिन्न अंग माना गया है ! इसके अंतर्गत वायुमंडल की संरचना , जलवायु , सूर्यताप , तापमान , वायुदाब , हवाये , बादल , वर्षा , चक्रवात आदि सभी को शामिल किया गया है !
- जलमंडल ( Hydrosphere ) : इसके अंतर्गत नदियाँ , सागर , महासागर , खाड़ियाँ , तथा महासागरो के जल की गतिविधियों से मनुष्य के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव आदि को शामिल किया गया है !
- जैवमंडल ( Biosphere ) : जैवमंडल पर्यावरण का वह अंग है जो उपरोक्त तीनो से हमेशा प्रभावित होता है ! जैवमंडल के अंतर्गत मनुष्य , जीव – जंतु , पेड – पौधे , वनस्पति और इनसे होने वाले प्रभावों को जैवमंडल में शामिल किया गया है !
पर्यावरण प्रदुषण और उसका हमारे जीवन पर प्रभाव
जल प्रदुषण , वायु प्रदुषण , ध्वनि प्रदुषण , खाद्य प्रदुषण आदि सभी प्रकार के प्रदुषण को पर्यावरण प्रदुषण में शामिल किया गया है ! वर्तमान में मनुष्यों द्वारा तालाबो , नदियों आदि के पानी को दूषित किया जा रहा है , अत्यधिक मोटर वाहनों , कारखानों से निकलने वाली धुआ आदि से ध्वनि और वायु प्रदुषण दोनों हो रहे है वही लोग निजी स्वार्थ हेतु खाद्य पदार्थो में मिलावट कर खाद्य प्रदुषण को भी बढ़ावा दे रहे है ! इन सभी प्रकार के प्रदुषण को पर्यावरण प्रदुषण कहा गया है !
इसके अलावा मनुष्य द्वारा पेड़ो कटाई , कचरे का सही निस्तारण नहीं करना तथा प्लास्टिक का अधिक उपयोग करने से भी पर्यावरण प्रदुषण बढ़ा है ! उद्योगों से निकलने वाली जहरीली धुआं भी पर्यावरण प्रदुषण का कारण है !
पर्यावरण प्रदुषण से मानव ही नहीं अपितु जीव – जंतु आदि भी प्रभावित होते है ! पर्यावरण प्रदुषण से मनुष्य के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है ! अधिक पर्यावरण प्रदुषण से धरती का तापमान बढ़ रहा है , ग्लेसियर पिघल रहे है जिससे समुद्रो का जल स्तर बढ़ रहा है और पेड़ – पौधे की कटाई होने कारण ग्लोबल वार्मिंग की समस्या दिनोदिन बढती जा रही है जो की मानव जीवन के लिए एक खतरा है ! यदि हमें इस धरती और मानव जीवन को बचाना है तो हमें पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना होगा !
पर्यावरण संरक्षण के उपाय ( Paryavaran Sanrakshan Ke Upay )
पर्यावरण के संरक्षण का हमारा प्राथमिक लक्ष्य होना चाहिए ! यदि हम पर्यावरण का संरक्षण करना चाहते है तो हमें निम्न प्रयास करने होंगे –
- हमें अधिक से अधिक पेड – पौधे लगाने होंगे और उनकी कटाई को रोकना होगा !
- अधिक प्रदुषण वाले वाहनों के प्रयोग को बंद करना होगा !
- उद्योगों , कारखानों आदि से निकलने वाली धुआं का सही तरीके से निस्तारण करना होगा !
- संसाधनों के अत्यधिक दोहन को रोकना होगा !
- प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा !
- सरकार को लोगो को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने होंगे और सख्त कानून का निर्माण करना होगा !
- मनुष्य को भी अपना कर्तव्य समझकर पर्यावरण संरक्षण पर अधिक ध्यान देना होगा !
विश्व पर्यावरण दिवस ( World Environment Day )
लोगो को पर्यावरण के प्रति सजग करने और इसके महत्व को समझाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस ( World Environment Day ) मनाया जाता है ! 5 जून से लेकर 16 जून तक सरकार और निजी संस्थाओ द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है ताकि पर्यावरण के प्रति लोगो में जागरूकता फैले और वे इसके संरक्षण पर ध्यान दे !
उपसंहार
हमें अपना कर्तव्य समझकर पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी को उठाना होगा ! हमे प्रकृति के दिए हुए उपहारों के अनावश्यक दोहन को रोकना होगा और इन्हें आने वाली पीढियों के लिए संरक्षित करना होगा ताकि वे भी इन संसाधनों का लाभ उठा सके !
पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी सरकार के अलावा हम सभी की है ! हम सबको मिलकर एक जिम्मेदार नागरिक के नाते पर्यावरण संरक्षण करना होगा !
आइये हम सब मिलकर यह प्रण ले कि आज से हम अपना कर्तव्य समझकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे और लोगो को इसके प्रति जागरूक भी करेंगे !
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