Story In Hindi For Kids – बच्चो की 3 शिक्षाप्रद कहानियां
Kids Story Hindi # 1
शेर और चार मित्र
एक समय की बात है ! किसी गांव में चार दोस्त रहते थे ! उन चारो में से तीन दोस्त तो बहुत पढ़े – लिखे और विद्वान् थे , जबकि चौथा दोस्त मुर्ख था ! उन चारो में बहुत अच्छी दोस्ती थी ! वे हमेशा एक साथ रहते , एक साथ उठते – बैठते और बाते खूब करते थे !
एक दिन की बात है ! चारो दोस्त एक पेड़ के निचे बैठकर बाते कर रहे थे कि अब हमें काम करने के लिए पास के शहर में जाना चाहिए ! चारो इस बार से राजी हो गए , अगले दिन वे अपना सामान लेकर शहर की तरफ निकल गए !
रस्ते में सुनसान जंगल पड़ता था ! वे पेड़ – पौधे , जीव – जन्तुओ के बारे में बाते करते जा रहे थे ! रास्ते में उन्हें किसी जानवर के हड्डियों का ढांचा मिला , वह बिखरा हुआ था !
पहला दोस्त बोला – ” मै हड्डियों को जोड़ने की जादुई विद्या जानता हूँ , देखो मै इन्हे अभी जोड़ देता हूँ !”
उसने अपनी जादुई विद्या से तुरंत उस बिखरे हुई हड्डियों को आपस में जोड़ दिया !
दूसरा दोस्त बोला – ” मै हड्डियों में मांस , चमड़े , नाख़ून यह सब लगाने की विद्या जानता हूँ !”
उसने अपनी जादुई विद्या से तुरंत उस कंकाल में मांस , चमड़े , नाख़ून और बाल आदि लगा दिए !
वह एक शेर का कंकाल था ! उसके जादू से वह कंकाल अब मरे हुए शरीर में परिवर्तित हो गया !
तीसरा दोस्त बोला – ” मै मरे हुए जानवरो को जिन्दा करने कि जादुई विद्या जानता हूँ ! देखो मै इसे अभी जिन्दा कर देता हूँ !”
यह सुनकर चौथा दोस्त बोला – ” रुको दोस्तों , यह शेर जिन्दा होते ही हमें खा जायेगा , इसलिए इसे तुम जिन्दा मत करो !”
लेकिन तीसरे दोस्त ने चौथे दोस्त की बातो पर ध्यान नहीं दिया और उसने उस शेर को जिन्दा करने का जादू लगाना शुरू कर दिया ! यह देख चौथा दोस्त भाग कर पेड़ पर चढ़ गया ! तीनो दोस्त शेर के जिन्दा होने का इंतजार करने लगे ! कुछ ही देर में वह शेर जिन्दा हो गया और जोर – जोर से दहाड़ने लगा ! उसे देख तीनो दोस्त भागने लगे ! लेकिन शेर ने एक ही छलांग में उन्हें मार डाला !
Moral / शिक्षा – दोस्तों हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा सोच – समझ कर ही कोई फैसला करना चाहिए ! नहीं तो अंत में उसका खामियाजा हमें ही भुगतना पड़ता है !
Kids Story Hindi # 2
बिल्ली और बन्दर
एक समय की बात है नदी किनारे सुंदरपुर नाम का एक छोटा सा गाँव था ! उस गाँव में दो बिल्लियां रहती थी ! उन दोनों में गहरी दोस्ती थी ! वे साथ में खाना ढूंढने जाया करती थी और जो कुछ भी मिलता उसे आपस में बड़े ही प्यार से बाँट कर खाती थी !
एक दिन की बात है दोनों बिल्लियां गांव में खाना ढूंढ रही थी ! कुछ देर बाद उन्हें एक किसान के घर से रोटी मिली ! रोटी को देखकर दोनों बिल्लियां बहुत खुश हुई ! उन्होंने रोटी को दो टुकड़ो में बाँट लिया और रोटी खाने के लिए एक पेड़ के निचे बैठ गई ! लेकिन उनमे से एक बिल्ली को उसकी रोटी का टुकड़ा छोटा लग रहा था !
वो दूसरी बिल्ली से बोली कि मेरी रोटी का टुकड़ा छोटा है , तुम अपने टुकड़े में से थोड़ा मुझे दो ! लेकिन दूसरी बिल्ली को भी उसका टुकड़ा छोटा लग रहा था ! अब दोनों बिल्लिया आपस में झगड़ने लग गई !
वहां एक पेड़ पर एक बन्दर बैठा इनकी बाते सुन रहा था !
बंदर बोला – ” सुनो बिल्लियां ,तुम्हे लगता है कि रोटी का टुकड़ा छोटा है तो में तराजू से उसे दोनों में बराबर भाग में बाँट सकता हूँ !”
बिल्लियां बन्दर के नजदीक आ गई और बोली – ” ठीक है अब तुम ही इसे बराबर भाग में बाँट दो !”
बन्दर एक तराजू लाया और उसने दोनों टुकड़ो को तराजू के दोनों तरफ रखा और जैसे ही उसने तराजू उठाया तराजू एक तरफ झुक गया ! बन्दर ने उसे बराबर करने के लिए रोटी का थोड़ा हिस्सा तोडा और खुद खा गया , और वापस तराजू उठाया ! लेकिन इस बार तराजू दूसरी तरफ झुक गया ! बन्दर ने उसे बराबर करने के लिए थोड़ा हिस्सा तोडा और खा गया ! कुछ देर तक बन्दर ऐसा करता गया और अब तराजू में छोटा सा टुकड़ा शेष रह गया !
अब उन बिल्लियों से रहा नहीं गया !
बिल्लियों ने पूछा – ” तुम ये कैसा बंटवारा कर रहे हो , अब तो थोड़ी ही रोटी बची है !”
इस पर बन्दर ने कहा – ” ठीक है ! लेकिन मेने इतनी जो मेहनत की उसकी मजदूरी तो होगी !”
इसलिए यह बची रोटी का टुकड़ा अब मेरा हुआ , और बन्दर तराजू में जो रोटी बची थी वो लेकर पेड़ पर चढ़ गया ! दोनों बिल्लियां बस देखती रह गई , उन्हें कुछ भी खाने को नहीं मिला !
अब दोनों बिल्लियां समझ गई कि आपस में झगड़ा करने से अपना ही नुकसान होता है ! इसका लाभ कोई तीसरा उठाता है ! बाद में उन्होंने कभी भी आपस झगड़ा नहीं किया ! और जो भी उन्हें मिलता आपस में मिल बांटकर प्यार से खाने लगी !
Moral / शिक्षा – दोस्तों इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें जो भी मिलता है उसमे संतुष्ट रहना चाहिए और हमेशा मिल बांटकर खाना चाहिए !
Kids Story Hindi # 3
साधु की झोपडी
एक गांव में दो साधु रहते थे ! दोनों साधु अपनी – अपनी झोपड़ियों में रहते थे ! दिन में वह गांव जाकर भिक्षा मांगते , और उसके बाद पूरा दिन पूजा – पाठ करते थे !
एक दिन भारी तूफान और आंधी आने के कारण उनकी झोपड़ियां जगह – जगह से टूट – फूट गई और बहुत हद तक बर्बाद हो गई !
पहला साधु यह सब देखकर दुखी हो गया !
पहला साधु बोला – ” हे ईश्वर ! तूने मेरे यह अनर्थ क्यों किया ! क्या मेरी भक्ति , तप , जप और पूजा का यही पुरस्कार है ?”
इस तरह वह बड़बड़ाते हुए , अपना जी जलाते हुए वही एक पेड़ के निचे बैठ गया !
तभी वहां दूसरा साधु आ पहुंचा , उसने अपनी बर्बाद झोपडी देखी तो वह मुस्कराने लगा ! और उसी वक्त उपरवाले का धन्यवाद करने लगा !
दूसरे साधु ने कहाँ कि ऐसे भीषण तूफान में तो पक्के मकान भी क्षतिग्रस्त हो जाते पर तूने तो मेरी आधी झोपडी बचा ली !
आज यह बात सिद्ध हो गई कि तू मेरी भक्ति से कितना प्रसन्न है और तेरी मुझ पर कितनी बड़ी कृपा है !
Moral / शिक्षा – हर अच्छी बुरी घटना के दो पहलु होते है ! बुरा निष्कर्ष निकालना या फिर अच्छा अर्थ निकालना यह दोनों ही आपके हाथ में है !
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