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Atal Bihari Vajpayee Poems In Hindi – अटल बिहारी वाजपेयी की कविताये
Atal Bihari Vajpayee Poems – दोस्तों आज के आर्टिकल में हम अटल बिहारी वाजपेयी की कुछ प्रसिद्ध कविताये प्रस्तुत कर रहे है ! उम्मीद करते है आपको जरूर पसंद आएगी ! तो चलिए शुरू करते है – Atal Bihari Vajpayee Poems In Hindi
Atal Bihari Vajpayee Poem On Kashmir
1. कश्मीर की पुकार
अत्याचारी ने आज पुनः ललकारा ,
अन्यायी का चलता है , दमन – दुधारा !
आँखों के आगे सत्य मिटा जाता है ,
भारत माता का शीश कटा जाता है !!
क्या पुनः देश टुकड़ो में बंट जायेगा ?
क्या सबका शोणित पानी बन जायेगा !
कब तक दानव की माया चलने देंगे ?
कब तक भस्मासुर को हम छलने देंगे !!
कब तक जम्मू को यूँ ही जलने देंगे ?
कब तक जुल्मो की मदिरा ढलने देंगे !
चुपचाप सहेंगे कब तक लाठी गोली ?
कब तक खेलेंगे दुश्मन खून से होली !!
प्रह्लाद परीक्षा की बेला अब आई ,
होलिका बनी देखो अब्दुल्लाशाही !
माँ – बहनो का अपमान सहेंगे कब तक ?
भोले पांडव चुपचाप रहेंगे कब तक !!
आखिर सहने की भी सीमा होती है ,
सागर के उर में भी ज्वाला सोती है !
मलयानिल कभी बवंडर बन ही जाता ,
भोले शिव का तीसरा नेत्र खुल जाता !!
जिनको जन – धन से मोह प्राण से ममता ,
वे दूर रहे अब ‘पांचजन्य ‘ है बजता !
जो विमुख युद्ध से , हठी क्रूर , कादर है ,
रणभेरी सुन कम्पित जिन के अंतर है !!
वे दूर रहे , चुडिया पहन घर बैठे ,
बहने थूके , मताये कान उमेठे !
जो मानसिंह के वंशज सम्मुख आये ,
फिर एक बार घर में ही आग लगाए !!
पर अन्यायी की लंका अब न रहेगी ,
आने वाली संताने यूँ न कहेगी !
पुत्रो के रहने का जननि का माथा ,
चुप रहे देखते अन्यायों की गाथा !!
अब शोणित से इतिहास नया लिखना है ,
बलि पथ पर निर्भय पाँव आज रखना है !
आओ खंडित भारत के वासी आओ ,
कश्मीर बुलाता , त्याग उदासी आओ !!
शंकर का मठ , कल्हण का काव्य जगाता ,
जम्मू का कण – कण त्राहि – त्राहि चिल्लाता !
लो सुनो , शहीदों की पुकार आती है ,
अत्याचारी की सत्ता थर्राती है !!
उजड़े सुहाग की लाली तुम्हे बुलाती ,
अधजली चिता मतवाली तुम्हे जगाती !
अस्थियां शहीदों की देती आमंत्रण ,
बलिवेदी पर कर दो सर्वस्व समर्पण !!
कारागारों की दीवारों का न्योता ,
कैसी दुर्बलता अब कैसा समझौता ?
हाथो में लेकर चलो प्राण मतवालों ,
सीने में लेकर आग चलो प्रणवालो !!
जो कदम बाधा अब पीछे नहीं हटेगा ,
बच्चा – बच्चा हंस – हंस कर मर मिटेगा !
वर्षो के बाद आज बलि का दिन आया ,
अन्याय – न्याय का चिर – संघर्षण आया !!
फिर एक बात भारत की किस्मत जागी ,
जनता जागी , अपमानित अस्मत जागी !
देखो स्वदेश की कीर्ति कम न हो जाए ,
कण – कण पर फिर बलि की छाया छा जाए !!
Atal Bihari Vajpayee Poems In Hindi
2. आओ फिर से दिया जलाये
आओ फिर से दिया जलाएं ,
भरी दुपहरी में अँधियारा ,
सूरज परछाई से हारा !
अंतरतम का नेह निचोड़े ,
बुझी हुई बाती सुलगाये ,
आओ फिर से दिया जलाये !!
हम पड़ाव को समझे मंजिल ,
लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल ,
वर्तमान मोहजाल में !
आने वाला कल न भुलाये ,
आओ फिर से दिया जलाये !!
आहुति बाकी यज्ञ अधूरा ,
अपनों के विघ्नो ने घेरा ,
अंतिम जय का वज्र बनाने !
नव दधीचि हड्डियां गलाये ,
आओ फिर से दिया जलाये !!
Atal Bihari Vajpayee Poems In Hindi
3 . गीत नहीं गाता हूँ
बेनकाब चेहरे है ,
दाग बड़े गहरे है ,
टूटता तिल्सम ,
आज सच से भय खाता है !!
गीत नहीं गाता हूँ !
लगी कुछ ऐसी नजर ,
बिखरा शीशे सा शहर ,
अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूँ !!
गीत नहीं गाता हूँ !
पीठ में छुरी सा चाँद ,
राहु गया रेखा फांद ,
मुक्ति के क्षणों में बार – बार बंध जाता हूँ !
गीत नहीं गाता हूँ !!
दोस्तों Atal Bihari Vajpayee Poems In Hindi आपको कैसी लगी ! अगर यह आपको अच्छी लगी है तो प्लीज इसे शेयर जरूर करे !
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