बीरबल की तीरंदाजी – अकबर बीरबल की कहानियां ! Birbal Ki Tirandaji – Akbar Birbal Story In Hindi
Akbar Birbal Story In Hindi – एक बार अकबर का दरबार सजा हुआ था ! अकबर अक्सर बीरबल की तारीफ करते रहते थे जिस कारण से बाकी के दरबारी बीरबल से इर्ष्या करते थे ! एक बार एक दरबारी ने हँसते हुए कहा – “ बीरबल तुम सिर्फ बातो के तीरंदाज हो , अगर तीर कमान पकड़कर तीरंदाजी करनी पड़े तो तुम्हारे हाथ पांव फुल जायेंगे !”
यह बात सुनकर अकबर ने बीरबल से कहा – “ बीरबल तुम दरबारियों को अपनी अचूक तीरंदाजी का कमाल दिखाओ !”
सब सोचने लग गए कि आज तो बीरबल बुरी तरह फंस गया है ! परन्तु बीरबल कहा हार मानने वाला था ! बीरबल ने कहाँ – “ हुजुर में साबित कर दूंगा , मै बातो के साथ – साथ अच्छी तीरंदाजी भी जानता हूँ !”
सभी दरबारी , अकबर एवं बीरबल मैदान में जा पहुंचे ! बीरबल के हाथो में तीर कमान दिया गया और कुछ दुरी पर लक्ष्य रखकर निशाना साधने को कहा गया !
बीरबल ने पहला तीर चलाया तो निशाना चुक गया ! वह तुरंत बोला – “यह थी बादशाह के सालेजी की तीरंदाजी ! बीरबल ने फिर दूसरा तीर चलाया लेकिन वह भी चुक गया ! इस पर बीरबल बोला – “ यह है राजा टोडरमल की तीरंदाजी !” संयोग से तीसरा तीर सीधा निशाने पर लगा !
बीरबल गर्व से बोला – “ और इसे कहते है बीरबल की तीरंदाजी !” अकबर खिलखिलाकर हंस पड़े ! वे समझ गए की बीरबल ने यहाँ भी बातो की तीरंदाजी से एक बार फिर सबको हरा दिया !
भगवान एक है !
एक बार की बात है , अकबर बीरबल से बोले , “हम मुसलमानों के अल्लाह है , इसाइयो के यीशु , बोद्धो के बुद्ध ! लेकिन तुम हिन्दू बहुत से भगवानो की पूजा करते हो ! ऐसा क्यूँ ?
बीरबल बोले – “ ईश्वर तो एक है सिर्फ उसके नाम अलग – अलग है !”
अकबर ने कहा – “ यह कैसे संभव है ? ईश्वर इतने रूप कैसे ले सकता है और फिर भी एक है !”
बीरबल ने एक नौकर को बुलाया जिसने पगड़ी पहनी थी ! उसने उसकी तरफ इशारा करते हुए पूछा , “यज क्या है ?”
नौकर बोला – “ एक पगड़ी !”
बीरबल – “इसे खोलो और अपनी कमर पर बांधो !”
जब उसने ऐसा किया तो बीरबल ने पूछा अब यह क्या है ? नौकर ने कहाँ – “कमरबंध “!
बीरबल – “अब इसे खोलो और कमर से निचे बांधो ! नौकर ने ऐसा ही किया ! बीरबल ने पूछा – “ अब यह क्या है ?”
नौकर – “धोती “!
अब बीरबल अकबर की तरफ मुड़े और बोले , “ जब एक कपडा अलग – अलग तरीके से प्रयोग किया जाता है तो उसका नाम बदल जाता है ! इसी तरह पानी जब आकाश में होता है तो बादल कहलाता है , जब धरती पर गिरता है तो बारिश ,जब बहता है तो नदी , जब जम जाता है तो बर्फ कहलाता है ! इसी तरह ईश्वर एक है जिसे अनेक व्यक्तियों द्वारा अलग – अलग नामो से बुलाया जाता है !”
शिक्षा : हम वस्तुओ को अपनी समझ के अनुसार नाम देते है ! हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हमने वस्तु को जो नाम दिया है वह जरुरी नहीं है की वस्तु भी वही हो ! कई बार वस्तु के नए उपयोग ढूंढने के लिए हमें उसके नाम से अलग हटकर सोचना पड़ता है !
दोस्तों कैसी लगी BIrbal Ki Tirandaji – Akbar Birbal Story हमें कमेंट करके जरुर बताये !
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