प्रदुषण पर निबंध ! Essay on Pollution In Hindi Language

प्रदुषण पर निबंध ! Essay on Pollution In Hindi Language

Essay On Pollution In Hindi – वर्तमान में पर्यावरण प्रदुषण एक गंभीर समस्या का विषय है जिससे मनुष्यों , जीव – जन्तुओं आदि को गंभीर क्षति हुई है ! प्रदुषण न केवल मानव जाती को क्षति पहुंचा रहा है वरन यह पर्यावरण संतुलन के लिए भी एक खतरा बनता जा रहा है ! यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में हमें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे ! दोस्तों आज के इस लेख में प्रदुषण पर निबंध को शेयर कर रहे है उम्मीद करते है यह आपके लिए उपयोगी साबित होगा ! तो आइये शुरू करते है Essay on Pollution In Hindi Language / Essay On Environment Pollution In Hindi

 

Essay on Pollution In Hindi Language

 

Essay on Environment Pollution In Hindi ( 200 Words )

हमारे चारो और फेली गंदगी को ही पर्यावरण प्रदुषण कहते है ! वर्तमान में प्रदुषण की समस्या इतनी भयानक है कि इससे पुरे विश्व में हर साल लाखो लोगो की मौत हो जाती है ! कई लोगो में इस प्रदुषण से केंसर जैसी खतरनाक बीमारियाँ उत्पन्न हुई है !

पर्यावरण प्रदुषण कई कारणों से होता है जैसे वायु प्रदुषण , जल प्रदुषण , ध्वनि प्रदुषण , मृदा प्रदुषण आदि प्रदुषण के प्रकार है !

उद्योगों , कारखानों , वाहनों आदि से निकलने वाली धुआं , जहरीली गेसे लगातार वायु प्रदुषण कर रही है ! वाहनों की आवाज , डीजे , मशीनों की आवाज आदि से ध्वनि प्रदुषण हो रहा है तथा कारखानों के अपशिष्ट पदार्थो से जल प्रदुषण हो रहा है !

मानव जाती द्वारा गंदगी फेलाना , प्लास्टिक का उपयोग करना तथा पेड़ो की कटाई आदि ऐसे कई कारण है जिससे प्रदुषण में बढ़ोतरी हुई है !

यदि इस प्रदुषण को रोकना है तो हमें पेड़ – पौधे लगाने होंगे , कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थो का सही तरीके से निस्तारण करना होगा , प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा तथा खेतो में कीटनाशको का प्रयोग कम करना होगा !

सरकार को प्रदुषण को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए और हमें भी लोगो को जागरूक करने में सरकार की मदद करनी चाहिए !

 

Essay on Pollution In Hindi ( 500 Words )

प्रस्तवना

भारत ही नहीं अपितु पुरे विश्व में प्रदुषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है जो मानव जाती के लिए ही नहीं अपितु जीव – जन्तुओ आदि के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है ! प्रदुषण से मानव जीवन अस्त – व्यस्त हो रहा है ! उनमे गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न हो रही है ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ रहा है , प्रकृति में असंतुलन स्थापित हो रहा है ! हमें इस भयावह स्थिति को देखते हुए प्रदुषण को रोकने के ठोस कदम उठाने होंगे , तभी हम वातावरण में सही संतुलन स्थापित कर सकते है !

प्रदुषण के प्रकार

प्रदुषण के मुख्य रूप से 4 प्रकार है जो इस प्रकार है –

वायु प्रदुषण

वर्तमान में बढ़ते उद्योग धंधो , वाहनों का अधिक प्रयोग , पेड़ – पौधों की कटाई आदि से वायु  प्रदुषण को बढ़ने में मदद मिली है ! वायु प्रदुषण से लोगो में अनेक प्रकार की भयानक बीमारियाँ उत्पन्न हुई है और हर साल कई लोगो की मौत भी हो जाती है !

वायु प्रदुषण का सबसे प्रमुख कारण बड़े शहरो में मोटर – वाहनों का अधिक प्रयोग तथा उद्योगों से निकलने वाली जहरीली गेसे है ! यह जहरीली गेसे हमारे वातावरण में मिल जाती है जो हमारे श्वास के दौरान हमारे शरीर में चली जाती है और हमें बीमार कर देती है !

जल प्रदुषण

कारखानों से निकलने वाली गंदगी सीधे नदियों में आकर गिरती है जिससे नदियाँ अधिक प्रदूषित हुई है , शहरो में गटर के पाइप नदियों में गिरते है जिससे नदियाँ अस्वच्छ हुई है ! वही मानव जाती भी कूड़ा – करकट , प्लास्टिक आदि नदियों , तालाबो आदि में फेक देते है जिससे जल प्रदुषण की समस्या उत्पन्न हुई है ! भारत में गन्दा पानी पिने से हर साल कई लोगो की मौत हो जाती है ! जल प्रदुषण भारत में गंभीर समस्या है !

ध्वनि प्रदुषण

बढ़ते वाहनों की आवाज , कारखानों से निकलने वाली मशीनों की आवाज तथा शादी – विवाह में चलने वाले डीजे आदि से ध्वनि प्रदुषण में अधिक बढ़ोतरी हुई है ! ध्वनि प्रदुषण से हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव पड़ता है तथा बहरेपन की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है !

प्रदुषण को रोकने के उपाय

  • अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाना
  • कारखानों से निकलने वाली गंदगी का सही निस्तारण करना
  • प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना
  • कचरे के लिए कचरा पात्र का उपयोग करना
  • मोटर – वाहनों का प्रयोग कम करना
  • लोगो को जागरूक करना
  • कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग न करना
  • गंदगी न फेलाना

उपसंहार

मनुष्य अपने निजी स्वार्थ के लिए इस पर्यावरण प्रदुषण के लिए जिम्मेदार है ! हमारे समाज में कुछ असामाजिक तत्व ऐसे है जो जानबूझकर गंदगी फैलाते है और प्रदुषण करते है ! लगातार हरे पेड़ – पौधे की कटाई के कारण जंगल खाली हो रहे है जिससे प्रदुषण की समस्या बढ़ी है ! इस प्रदुषण को रोकने के लिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए और लोगो को जागरूक करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए !

हमे यह नहीं सोचना चाहिए की प्रदुषण की समस्या को रोकने का कम सिर्फ सरकार का है देश का नागरिक होने के नाते हमें प्रदुषण को रोकने में अपनी सहभागिता निभानी चाहिए !

 

Essay On Pollution In Hindi (1000 Words )

प्रस्तावना

प्रदुषण ने मनुष्यों , जीव – जन्तुओ , पेड – पौधों , वनस्पति आदि की गुणवत्ता को बहुत हद तक प्रभावित किया है ! इस धरती पर मनुष्य ही वह प्राणी है जो इस पर्यावरण प्रदुषण ( Environment Pollution ) के लिए जिम्मेदार है ! मानव जाती ने ही अपने कृत्यों से इस पर्यावरण को प्रदूषित किया है ! हरे पेड – पौधों की कटाई , उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ , मोटर वाहनों से निकलने वाली धुआ आदि ऐसी कई कारण है जिनसे प्रदुषण फेला है !

यह प्रदुषण इतना घातक साबित हो रहा है कि इससे मनुष्यों को अनेक प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न हो रही है वही दूसरी और पर्यावरण का संतुलन भी प्रभावित हो रहा है ! हमें समय रहते इस प्रदुषण की समस्या को ख़त्म करना होगा जिससे इस पृथ्वी और मानव जाती को बचाया जा सके !

प्रदुषण का अर्थ

हमारे चारो और फैली गंदगी और अपशिष्ट पदार्थ को ही प्रदुषण कहाँ जाता है ! इसके कई कारण हो सकते है जैसे जल प्रदुषण , वायु प्रदुषण , ध्वनि प्रदुषण , भूमि प्रदुषण आदि !

साधारण शब्दों में हम कह सकते है कि इस पृथ्वी पर ऐसे कारक जिनसे मानव , जीव – जन्तुओ , पेड – पौधों आदि पर सीधा प्रभाव पड़ता है तो उसे ही प्रदुषण कहाँ जाता है ! प्रदुषण से ही पर्यावरण में असंतुलन पैदा होता है जो कि बहुत ही घातक है !

प्रदुषण के प्रकार

ऐसे कई प्रकार है जिनसे पर्यावरण प्रदुषण हो रहा है ! आइये जानते है प्रदुषण के प्रकार कोनसे है –

वायु प्रदुषण

हमारे देश में सबसे खतरनाक समस्या वायु प्रदुषण की है ! हमारे देश के ऐसे कई बड़े शहर है जिनमे वायु प्रदुषण एक गंभीर समस्या बना हुआ है ! उद्योग – धंधो से निकलने वाली जहरीली गैसे , धुआं , मोटर – वाहनों से निकलने वाली धुआं आदि वायु प्रदुषण के प्रमुख कारण है !

वायु प्रदुषण से हमारे देश में हर साल लाखो लोगो की मौत होती है वही दूसरी और कई लोगो में श्वास सम्बन्धी समस्या , आँखों में जलन की समस्या आदि उत्पन्न हुई है !    

वायु प्रदुषण से ही अस्थमा , केंसर , चर्म रोग , आँखों में जलन आदि कई बीमारियाँ उत्पन्न हुई है ! वायु प्रदुषण से मनुष्य के अलावा जीव – जंतु भी इससे अधिक प्रभावित हुए है !

जल प्रदुषण

वायु प्रदुषण के बाद जल प्रदुषण दूसरी सबसे बड़ी समस्या है ! हमारे देश की लगभग सभी नदियाँ और तालाब प्रदूषित हो चुके है ! कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ सीधे जाकर नदियों में गिरते है जिससे नदियाँ अधिक प्रदूषित हुई है ! वही मनुष्य भी कूड़ा – करकट आदि को नदियों . तालाबो आदि में फेक देते है जो की जल प्रदुषण का एक बड़ा कारण है !

भारत में गन्दा पानी पिने से हर साल कई लोगो की मौत होती है ! वही दूसरी और गंदे पानी से मनुष्य की पेट सम्बन्धी बीमारियाँ भी बढ़ी है !

ध्वनि प्रदुषण

वर्तमान में बढ़ते मोटर – वाहनों और डीजे , कारखानों में चलने वाली मशीने आदि के द्वारा लगातार ध्वनि प्रदुषण हो रहा है ! ध्वनि प्रदुषण की समस्या गाँवो की बजाय शहरो में अधिक देखने को मिलती है ! क्योंकि शहरो में कारखानों , उद्योगों , मोटर – वाहनों आदि की संख्या अधिक होने से वहा इसकी समस्या अधिक है !

ध्वनि प्रदुषण से मनुष्य का मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है और उनमे बहरेपन की समस्या उत्पन्न हो रही है !

प्रकाश प्रदुषण

बिजली के अधिक उपयोग से वर्तमान में प्रकाश प्रदुषण की समस्या उत्पन्न हो रही है ! आजकल शहरो में रात भी दिन जैसा दिखने लगा है जिसका प्रमुख कारण है अधिक रौशनी के उपकरणों का प्रयोग ! प्रकाश प्रदुषण से मानव और जीव – जन्तुओ में असंतुलन स्थापित हो रहा है ! मनुष्यों में प्रकाश प्रदुषण से नींद की समस्या उत्पन्न हुई है !

भूमि प्रदुषण

भूमि प्रदुषण मानव की उपेक्षा का प्रमख कारण है ! आजकल मनुष्यों द्वारा कूड़ा – करकट , अपशिष्ट पदार्थ , प्लास्टिक आदि को ऐसे खुले में ही फेंक दिया जाता है जिससे भूमि प्रदुषण में बढ़ोतरी हुई है ! इसके अलावा खेतो में फसल उत्पादन को बढ़ाने हेतु उपयोग होने वाले युरियां , कीटनाशक पदार्थ आदि भूमि प्रदुषण के कारण है !

रेडियोएक्टिव प्रदुषण

रेडियोएक्टिव प्रदुषण उस प्रदुषण को कहाँ जाता है रेडियो एक्टिव तत्वों के द्वारा हमारे वायुमंडल में पैदा होती है ! यह प्रदुषण वैसे तो हमें दिखाई नहीं देता है लेकिन इसके संपर्क में आने से घातक बीमारियाँ हो सकती है !

इस प्रदुषण का सबसे कारण परमाणु बम का फटना तथा बिजली केन्द्रों से निकलने वाले कचरे के अवयव आदि है !

थर्मल प्रदुषण

आजकल कारखानों आदि में जल का उपयोग विभिन्न प्रकार की वस्तुओ को बचाने के लिए शीतलक के रूप में किया जाता है फिर उसी पाने को नदियों , तालाबो आदि में छोड़ दिया जाता है जिससे पानी में ऑक्सीजन आदि की समस्या उत्पन्न होती है जो पानी में रहने वाले जीव – जन्तुओ को हानि पहुचाती है !

प्रदुषण के दुष्प्रभाव

  • वायु प्रदुषण से लोगो में केंसर , अस्थमा , चर्म रोग , आँखों की समस्या आदि कई घातक बीमारियाँ उत्पन्न हुई है !
  • गंदे पानी के उपयोग से हर साल कई लोगो की असामयिक मृत्यु हो जाती है तथा गन्दा पानी पिने से पेट सम्बन्धी कई बीमारियाँ बढ़ी है !
  • ध्वनि प्रदुषण से लोगो में बहरेपन की समस्या उत्पन्न हुई है वही उनका मानसिक संतुलन भी बिगड़ा है !
  • प्रकाश प्रदुषण से मानव और जीव – जन्तुओ की दिनचर्या में असंतुलन पैदा हुआ है जिससे उनमे नींद की समस्या उत्पन्न हुई है !
  • बढ़ते पर्यावरण प्रदुषण से मनुष्य , जीव – जंतु , प्रकृति , पेड़ – पौधे , नदियाँ , झरने , पहाड़ आदि में असंतुलन पैदा हुआ है !

प्रदुषण को रोकने के उपाय

  • पर्यावरण प्रदुषण को रोकने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ – पौधे लगाने चाहिए !
  • हमें कचरा , प्लास्टिक आदि को खुले न फेककर कचरा पात्र में ही डालना चाहिए !
  • कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ को रोकने की समुचित व्यवथा की जानी चाहिए !
  • कारखानों से निकलने वाली धुआ का उचित निस्तारण होना चाहिए !
  • वाहनों का कम से कम प्रयोग करना चाहिए !
  • फसल में कीटनाशको का प्रयोग कम करना चाहिए !
  • त्योहारों आदि पर पटाखे नहीं जलाने चाहिए !
  • सरकार को प्रदुषण को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने चाहिए !
  • पर्यावरण प्रदुषण को रोकने के लिए हमें लोगो को जागरूक करना चाहिए !

उपसंहार

पर्यावरण के प्रति लोगो में जागरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है ! इस दिन पर्यावरण को स्वच्छ बनाने और लोगो में जागरूकता फ़ैलाने का प्रयास किया जाता है !

यदि हमें बीमारियों से बचना है और पर्यावरण को स्वच्छ और सुन्दर बनाना है तो इसके लिए हमें मन से सहयोग करना होगा और लोगो को इसके प्रति जागरूक करना होगा ! सरकार को भी प्रदुषण को रोकने के लिए जगह – जगह पर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और कठोर कानून का निर्माण कण चाहिए !

Keyword : Essay on Pollution In Hindi Language, essay on environment pollution in hindi 200 words ,short essay on environment pollution in hindi , essay writing on environment pollution in hindi ,essay on environment pollution in hindi with headings , essay on pollution in hindi for class 6 ,essay on pollution in hindi brainly, essay on pollution in hindi for class 10 ,essay on pollution in hindi with quotations ,essay on pollution in hindi 100 words ,essay on pollution in hindi Wikipedia , essay on pollution in hindi for class 4 ,essay on pollution in hindi and English ,essay on pollution in hindi 150 words ,short essay on pollution in hindi ,short essay on pollution in hindi for class 6 , essay writing on pollution in hindi

 

Related Post : 

Leave a Comment