Sapno ka Mahal Tenali Raman Story in Hindi – सपनों का महल

 

          Tenali Raman Story in Hindi 

                      सपनों का महल

 

 


  एक बार चाँदनी रात मे राजा कृष्णदेव राय अपने महल के छज्जे पर ठंडी हवा के झोंके ले रहे


थे ! ऐसे मे राजा को छज्जे पर बेठना बहुत अच्छा लग रहा था ! थोड़ी ही देर मे राजा की 

आँख लग गयी और वे सपनों की दुनियाँ मे चले गए !

सपनों मे उन्होने एक जादुई महल देखा जो हवा मे उड़ रहा था ! संगमरमरी दीवारों पर रंग –

बिरंगे पत्थर लगे थे और उसमे एशों – आराम की सारी व्यवस्था थी ! हवा मे तेरता हुआ वह

महल दूर से चाँद  की तरह लग रहा था !

सुबह होने पर राजा सपनों की दुनियाँ से बाहर नहीं निकल पाये ! अब उन्हे वेसा ही महल

चाहिए था ! चिंता के कारण वह बीमार पड़ गए ! उन्होने अपने राज्य मे घोषणा करवा दी कि ,

“ जो भी राजा के सपनों का महल बनाने मे सफल होगा , उसे राजा कि और से एक लाख

स्वर्ण मुद्राए दी जाएगी ! घोषणा सुनकर सभी जानना चाहते थे कि जादुई महल क्या है , 

कैसाहै ?

कोई कहता “ क्या राजा पागल हो गए है …?” कुछ लालची लोग राजा को मूर्ख बनाकर धन 

लेने के लिए झूठी आशा भी देने लगे ! इस सब मे महिना गुजर गया ! राजा सारे काम छोड़कर

सिर्फ अपने सपने के महल के बारे मे सोचते रहते ! सभी दरबारी भी परेशान हो गए गए थे !

हारकर दरबारियों ने तेनालीराम से सलाह मांगी !

तेनालीरम ने एक योजना बनाई ! उसने राजा से कुछ दिनों  कि छुट्टी मांगी , जिसे राजा ने

स्वीकार कर लिया ! कुछ दिन  बीत गए ! एक दिन अचानक दरबार मे एक बूढ़ा आदमी दौड़ता

हुआ आया और राजा के पैरों पर गिरकर , गिड्गिड़ता हुआ बोला , “ महाराज मुझे बचाईए ,

मेरा परिवार भूख से मर जाएगा !”

राजा ने उसे उठाया और सारी बात पुछी ! वह बूढ़ा सिसकता हुआ बोलने लगा , “मे लूट गया हूँ

! मेने अपनी पुत्री के विवाह के लिए कुछ पैसे बचाए थे , पर वे पैसे चले गए ! अब मेरी पुत्री

का विवाह कैसे होगा ? मे अपने परिवार का पेट कैसे भरूँगा …सब कुछ खत्म हो गया …!

राजा ने अपने सेवको से कहा , “पता करो कि किसने इसे लूटा है ?”

यह सुनकर बूढ़ा तुरंत बोला , “ हुजूर , अपने लूटा है !”

“मेने ! मूर्ख , मै तुम्हारा राजा हूँ ! थोड़े से पैसे के लिए मै तुम्हें लूटूंगा …!” परेशान होते हुए

राजा ने कहा ! बूढ़े ने कहा , “कल रात मेने सपना देखा कि आप अपने सेवको के साथ मेरे घर

आकर जबरदस्ती सब लूट कर ले गए है ! मै बहुत गरीब हूँ हुजूर … थोड़ी तो दया कीजिये …!

क्रोध से राजा बोला , “ तुम पागल तो नहीं हो ? सपने भी सच होते है क्या ?”

बूढ़े आदमी ने कहा , “ क्यो हुजूर , अगर आपका उड़ने वाले महल का सपना सच हो सकता है

, तो मेरा सपना सच क्यो नहीं हो सकता …?

राजा आश्चर्यचकित रह गया ! उसने शर्मिंदा होकर बूढ़े आदमी को धन्यवाद दिया !

बूढ़े आदमी ने धीरे से अपनी दाढ़ी मुछे उतार दी और राजा का अभिवादन किया ! वह बूढ़ा और

कोई नहीं खुद तेनालीराम था ! तेनालीरम कि चतुराई देखकर पूरा दरबार तालियों से गूंज उठा !

 

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