Akbar Birbal Story in Hindi ! बीरबल की स्वर्ग यात्रा

Akbar Birbal Story in Hindi 
अकबर बीरबल की कहानी – बीरबल की स्वर्ग यात्रा 

 
Akbar Birbal ki Kahaniyan- जब से बीरबल बादशाह अकबर के दरबार में शामिल हुआ था , तब से अकबर के दरबार के कुछ मंत्री खुश नहीं थे ! अकबर ने बीरबल का पक्ष अधिक लेना शुरू कर दिया था ! इस बात ने मंत्रियो को बीरबल से ईर्ष्या करने वाला बना दिया उन्होंने शाही नाई की मदद लेने का निश्चय किया !
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नाई एक गरीब व्यक्ति था ! वह मंत्रियो की इस बुरी योजना में शामिल नहीं होना चाहता था किन्तु उनके द्वारा दिए गए सोने के सिक्को के कारण वह उनका विरोध नहीं कर सका ! इसलिए वह मदद के लिए राजी हो गया ! एक दिन जब वह अकबर के बाल काट रहा था तो उसने कहा ,
“जहाँपनाह ! कल रात मेने एक सपना देखा ! आपके पिता मेरे सपने में आये और बोले की वह स्वर्ग में आराम से है ! उन्होंने आपको चिंता न करने को कहा !” अकबर ने जब यह सुना तो वे उदास हो गए ! क्योंकि जब उनके पिता मरे थे , तब वे बहुत छोटे थे ! वे अपने पिता को बहुत ज्यादा याद करते थे !

वह बोले , ” मेरे पिता ने और क्या कहा ?” मुझे सब कुछ बताओ !” नाई ने कहा।, जहाँपनाह ! उन्होंने कहा कि वह ठीक है , किन्तु थोड़ा बहुत ऊब गए है ! वह बोले यदि आप बीरबल को वहा भेज देंगे तो वह उन्हें बहुत खुश रखेगा ! वह स्वर्ग से बीरबल को देखते है और उसकी बुद्धि और हास्य की प्रशंसा करते है !” 


अकबर ने बीरबल से कहा , “प्रिय बीरबल ! मै तुमसे बहुत खुश हूँ ! किन्तु अपने पिता के पास तुम्हे भेजते हुए मुझे बहुत दुःख हो रहा है , जो स्वर्ग में खुश नहीं है ! तुम्हे स्वर्ग में जाना होगा और उनका मनोरंजन करना होगा !”


बीरबल ने यह सुना तो वह चौक गया ! बाद में उसे पता चला की यह मंत्रियो और नाई द्वारा बनाई गयी योजना थी ! उसने अपने घर के बाहर एक कब्र खुदवाई और कब्र के साथ एक सुरंग खोदी , जो उसके सयन कक्ष तक जाती थी ! फिर वह अकबर के पास गया और बोला , “मै स्वर्ग के लिए तैयार हूँ ! किन्तु हमारे परिवार की परम्परा है की हमें अपने घर के बाहर दफ़न किया जाता है ! मैंने पहले से ही कब्र की व्यवस्था कर ली है ! मै आपसे अनुरोध करता हूँ कि मुझे वहा जिन्दा दफ़न कर दिया जाये !” 


अकबर  की इच्छा पूरी की ! बीरबल की जिन्दा दफन कर दिया गया ! बीरबल सुरंग के रास्ते से अपने घर आ गया ! तीन सप्ताह बाद वह अकबर के दरबार में गया ! हर कोई बीरबल को देखकर हैरान था ! अकबर ने कहाँ ” तुम स्वर्ग से वापस कब आये ? मेरे पिताजी कैसे है ? और तुम इतने भद्दे क्यों दिख रहे हो ?” 


बीरबल बोलै , ” महाराज आपके पिताजी ठीक है ! उन्होंने आपको अपनी शुभकामनाये भेजी है ! किन्तु जहाँपनाह , स्वर्ग में कोई नाई नहीं है ! इस वजह से मैं बहुत भद्दा दिख रहा हूँ ! यदि आपकी कृपा हो तो शाही नाई को आपके पिताजी के पास भेजा जाये जिससे उन्हें ख़ुशी मिलेगी !”


सम्राट ने तुरंत आदेश दिया कि नाई को जिन्दा दफ़न करके स्वर्ग भेजा जाये ! नाई अकबर के पैरो में गिर गया और क्षमा मांगने लगा ! इसके बाद उसने सब कसूर कबूल कर लिया !

अकबर ने यह योजना बनाने वाले सभी मंत्रियो को निकाल दिया और नाई को दस कोड़े मारने का दंड दिया!

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