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दादी माँ की कहानियां – Dadi Maa Ki Kahaniyan
Dadi Maa Ki Kahaniyan / Dadi Maa Story In Hindi
एक मेंढक की कहानी
एक बार एक अध्यापक बच्चो को कुछ सीखा रहे थे ! उन्होंने एक छोटे बर्तन में पानी भरा और उसमे एक मेंढक को डाल दिया ! पानी में डालते ही मेंढक आराम से पानी में खेलने लगा ! अब अध्यापक ने उस बर्तन को गैस पर रख दिया और निचे से गरम करना शुरू कर दिया !
जैसे ही थोडा तापमान बढ़ा तो मेंढक ने तभी अपने शरीर के तापमान को उसी तरह से थोडा – थोडा करके अडजस्ट करने लगा ! अब जैसे ही बर्तन का थोडा तापमान बढ़ता तो मेंढक अपने शरीर के तापमान को भी उसी तरह से बदलने लगा और उसी बर्तन में मजे से पड़ा रहता !
धीरे – धीरे तापमान बढ़ना शुरू हुआ , एक समय ऐसा भी आया जब पानी उबलने लगा और अब मेंढक की क्षमता जवाब देने लगी ! मेंढक का अब बर्तन में रुके रहना संभव न था ! बस फिर क्या था मेंढक ने बर्तन से बाहर निकलने के लिए छलांग लगाई लेकिन अफ़सोस ऐसा हो न सका !
मेंढक अपनी पूरी ताकत लगाने के बावजूद उस पानी से भरे बर्तन से नही निकल पा रहा था क्योंकि अपने शरीर का तापमान एडजस्ट करने में ही वो सारी ताकत खो चूका था ! कुछ ही देर में गर्म पानी पड़े मेंढक ने प्राण त्याग दिए !
अब दादी ने बच्चो से पूछा कि मेंढक को किसने मारा तो कुछ बच्चो ने कहा – गर्म पानी ने ..
लेकिन दादी ने बताया कि मेंढक को गर्म पानी ने नहीं मारा बल्कि वो खुद अपनी सोच से मरा है !
जब मेंढक को छलांग मारने की आवश्यकता थी उस समय तो वो तापमान को एडजस्ट करने में लगा रहता था ! उसने अपनी क्षमता का प्रयोग नहीं किया लेकिन जब तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया तब तक वह कमजोर हो चूका था !
तो बच्चो यही तो हम सब लोगो के जीवन की भी कहानी है ! हम अपनी परिस्थितियों से हमेशा समझोता करने में लगे रहते है ! हम परिस्थितियों से निकलने का प्रयास नहीं करते बल्कि उनसे समझोता करना सीख लेते है और सारा जीवन ऐसे ही निकाल देते है और जब परिस्थितिया हमें बुरी तरह घेर लेती है तब हम पछताते है कि काश हमने भी समय पर छलांग लगाई होती !
अच्छी बुरी हर तरह की परिस्थितियां इन्सान के सामने आती है लेकिन आपको परिस्थतियो से समझोता नहीं करना है ! बहुत सारे लोग बुरी परिस्थितियों को अपना भाग्य मानकर ही पूरा जीवन दुखो में काट देते है ! बहुत अफ़सोस होता है कि लोग समय पर छलांग क्यों नहीं मारते !
Moral / शिक्षा – अगर कोई इन्सान आपकी मदद कर सकता है तो वो है आप खुद ! आप ही वो इन्सान है जो खुद को सबसे बेहतर तरीके से जानते है ! इसलिए कभी भी अपने अन्दर के जोश को ठंडा मत होने दीजिये ! उठिए और प्रयास कीजिये , सफलता आपका इन्तजार कर रही है !
Dadi Maa Ki Kahaniyan / Dadi Maa Story In Hindi
बच्चे और गुब्बारे वाला
एक बार एक गाँव में मेला लग रहा था ! मेले में बहुत सारे लोग अपने परिवार के साथ घुमने आये थे ! मेले में बहुत सारे मिठाइयो की दुकान , खिलोने और गुब्बारे बेचने वाले भी थे ! एक कोने में एक गुब्बारे वाला अपनी साइकिल पर गुब्बारे बेच रहा था !
तभी उसके पास एक छोटा सा बच्चा आया और उससे पूछने लगा – गुब्बारे वाले यह जो लाल वाला गुब्बारा है क्या यह ऊपर उड़ेगा ?
तभी उस गुब्बारे वाले ने उत्तर दिया – हाँ यह लाल वाला गुब्बारा भी ऊपर उठेगा !
उसी समय उस बच्चे ने दोबारा गुब्बारे वाले से प्रश्न किया – क्या यह नीला वाला गुब्बारा ऊपर उड़ेगा ?
गुब्बारे वाले ने दोबारा उत्तर दिया – हाँ बच्चे यह गुबार भी ऊपर उड़ेगा ! उस बच्चे ने तीसरी बार फिर से प्रश्न किया – गुब्बारे वाले क्या यह हरा वाला गुब्बारा भी हवा में उड़ेगा ?
यह सुनकर उस गुब्बारे वाले ने हँसते हुए उस बच्चे को जवाब दिया – हाँ बच्चे यह सभी गुब्बारे हवा में उड़ेंगे !
बेटा गुब्बारा हवा में जायेगा या नहीं यह उसके रंग और आकार पर निर्भर नहीं होता बल्कि वह तो उसके अन्दर भरे हुए हवा या गैस पर निर्भर करता है !
शिक्षा / Moral :- दोस्तों इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जिस प्रकार गुब्बारे का हवा में उड़ना उसके आकार और रंग पर निर्भर नहीं करता ठीक उसी प्रकार इन्सान का सफल होना भी उसके रंग , आकार आदि पर निर्भर नहीं करता है ! हमारा ऊपर उठना अर्थार्त सफल होना हमारे मनोभाव , धारणा आदि पर निर्भर करता है !
Dadi Maa Ki Kahaniyan / Dadi Maa Story In Hindi
चित्रकार और अपंग राजा
बहुत समय पहले की बात है किसी राज्य में एक राजा राज करता था ! उस राजा की केवल एक टांग और एक आंख थी ! उस राज्य की प्रजा बहुत ही खुशहाल और धनवान थी !
सब लोग एक साथ मिलकर ख़ुशी से जीवन यापन करते थे और अपने राजा का सम्मान करते थे ! क्योंकि उस राज्य का राजा एक बुद्धिमानी और प्रतापी व्यक्ति था !
एक बार राजा के मन में यह विचार आया कि क्यों ना अपनी एक तस्वीर बनाई जाए जो राजमहल में लगाई जा सके ! फिर क्या था राजा ने अपने मंत्री को आदेश दिया कि देश और विदेश से महान चित्रकारों को बुलाया जाए !
राजा का आदेश पाकर देश और विदेश से कई महान चित्रकार राजा के दरबार में पहुंचे ! राजा ने उन सभी से आग्रह किया कि उनकी एक बहुत ही सुन्दर तस्वीर बनाई जाए !
राजा के इस आदेश से सारे चित्रकार सोच में पड़ गए कि राजा तो पहले से विकलांग है तो इसकी तस्वीर को बहुत सुन्दर कैसे बनाया जाए यह तो संभव ही नहीं है और अगर तस्वीर सुन्दर नहीं बनी तो राजा गुस्सा होकर दण्ड देगा ! यह सोच कर सभी चित्रकारों ने राजा की तस्वीर बनाने से मना कर दिया तभी उन चित्रकारों की भीड़ में से एक हाथ ऊपर उठा और आवाज आई “ मै आपकी बहुत ही सुन्दर तस्वीर बनाऊंगा जो आपको निश्चित ही पसंद आयेगी !”
चित्रकार ने राजा की आज्ञा लेकर तस्वीर बनाना शुरू किया काफी देर बाद उसने एक तस्वीर तैयार की ! राजा उस तस्वीर को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ यह देखकर वहा खड़े सारे चित्रकारों ने एक ऐसी तस्वीर बनाई थी जिसमे राजा एक टांग मोड़कर जमींन पर बेठा हुआ था और एक आंख बंद कर अपने शिकार पर निशाना साध रहा था !
राजा यह देखकर बहुत प्रसन्न हुआ कि चित्रकार ने उसकी कमजोरी को छिपा कर बहुत ही चतुराई से एक सुन्दर तस्वीर बनाई ! राजा ने खुश होकर उस चित्रकार को बहुत सारा धन दिया !
शिक्षा / Moral :- दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी – भी दुसरो की बुराइयों और कमजोरियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए ! हमें हमेशा दुसरो में अच्छी चीजो को देखने का प्रयास करना चाहिए !
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