एक बुढिया और बच्चे की शिक्षाप्रद कहानी | Story For Kids In Hindi with Moral
Short Story In Hindi with Moral : एक बार की बात है, एक गांव में एक बुढ़िया रहती थी। उसका एक पड़ोसी लड़का बहुत ही दुखी था क्योंकि उसके पास खेलने के लिए कोई खिलौना नहीं था। वह लड़का हर दिन खेलने के लिए बहुत उत्साहित रहता था, लेकिन उसका दिल तोड़ देने वाली यह बात हर रोज उसे बहुत ही दुःखी कर देती थी।
एक दिन, बुढ़िया ने देखा कि उसका पड़ोसी लड़का बहुत ही उदास दिख रहा है। उसने उसे अपने घर बुलाया और पूछा, “बेटा, तुम इतने उदास क्यों हो?” लड़के ने कहा, “दादी माँ, मेरे पास खेलने के लिए कोई खिलौना नहीं है। मैं रोज़ उसे देखकर बहुत ही दुखी हो जाता हूँ।”
बुढ़िया ने दुखी होकर उसके हाथ में अपने एक पुराने सोने के अंगूठे को दिया और कहा, “बेटा, यह तुम्हारे लिए एक खिलौना है। इसे ले जाओ और खेलो।” लड़का बहुत खुश हुआ और धन्यवाद कहकर उस खिलौने के साथ अपने घर चला गया।
बाद में, बुढ़िया ने देखदेखा कि लड़का बहुत खुशी से खेल रहा था। उसका चेहरा मुस्कान से भर गया था। बुढ़िया ने उसे देखकर अपनी खुशी को देखते हुए कहा, “बेटा, खेलने के लिए तुम्हारे पास अब खिलौना है। मुझे खुशी है कि तुम अब उदास नहीं होगे।”
कुछ दिन बाद, बुढ़िया को देखकर लड़का फिर से उदास दिखने लगा। बुढ़िया ने पुछा, “बेटा, क्या हुआ? तुम फिर से उदास क्यों हो रहे हो?” लड़का ने कहा, “दादी माँ, मेरे खिलौने को चोर ले गया। मैं फिर से उदास हो गया हूँ।”
बुढ़िया को यह सुनकर दुःख हुआ, लेकिन फिर भी वह बहुत सोचती रही। अंत में उसने अपने खुद के एक पुराने स्वेटर को लड़के को दिया और कहा, “बेटा, यह मेरा पुराना स्वेटर है। इसे ले जाओ और अपने दोस्तों के साथ खेलो ।”
लड़का बहुत ही अचंभित और प्रसन्न हुआ। उसने बुढ़िया को धन्यवाद कहा और स्वेटर को लेकर अपने दोस्तों के पास जाकर खुशी से खेलने लगा !
वह खुशी से अपने दोस्तों के साथ स्वेटर को बाँट रहा था और सभी बच्चे मिलकर खेल रहे थे।
इस बात से बुढ़िया को बहुत खुशी हुई। उसे यह देखकर अनुभव हुआ कि सच्ची खुशी वही है जब हम दूसरों की मदद करते हैं और उन्हें सम्मान और प्यार देते हैं। उसने समझा कि जीवन में खुश रहने का रहस्य यही है कि हम दूसरों के साथ सहयोग, समर्पण और निःस्वार्थ भाव से जीने का प्रयास करें।
बुढ़िया ने उस बच्चे की बात सुनते हुए अपने घर के अन्य खिलौनों को इस बच्चे को दे दिए और बच्चे को आशीर्वाद दिया। दोनों की मदद से उनके घर में खेलने के लिए अब बहुत सारे खिलौने हो गए।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें खुश रहने के लिए न सिर्फ अपनी खुद की खुशियों को महत्व देना चाहिए, बल्कि हमें दूसरों की मदद और सहयोग के माध्यम से उनकी खुशियों को भी बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। इससे हमारा संबंध मजबूत होता है और साथ में रहना प्यार भरा होता है।
जब हम अपने खुद को दूसरों के साथ संयोजित करते हैं, तो हमारा जीवन सार्थक और आनंदमय बनता है। यह हमें यह सिखाती है कि सच्ची खुशी और समृद्धि हमारे अपने और दूसरों के भाग्य के मेल से प्राप्त होती है।
इस कहानी के जरिए हमें यह भी शिक्षा मिलती है कि दूसरों की मदद करना और उन्हें खुश रखना हमारा नैतिक दायित्व है। हमें एक दूसरे के दर्द को समझना और उसे ठीक करने के लिए कर्म करना चाहिए। इससे हमारी ज़िन्दगी में सामरिकता, प्रेम और समर्पण का माहौल बनता है।
इसलिए, हमें अपने दिल में इस कहानी के संदेश को धारण करना चाहिए और हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। सबके लिए खुशहाल और समृद्ध एक समाज का निर्माण हम सभी की ज़िम्मेदारी है।
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