क्रोध पर विजय प्रेरणा दायक कहानी – Inspirational Story In Hindi Language
Inspirational Story In Hindi Language – बहुत प्राचीन समय की बात है ! किसी गाँव में एक बुजुर्ग महात्मा रहते थे ! दूर – दूर से लोग शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से अपने बच्चो को उनके आश्रम में भेजते थे ! एक दिन महात्मा जी के पास कमल नाम का एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति आया !
उस व्यक्ति ने महात्मा जी से कहाँ – “ गुरूजी मुझे अपने श्रीचरणों में स्थान दीजिये ! अब मेरी कोई कामना बाकी नहीं रही है ! मै आश्रम में रहकर आपके आज्ञानुसार समाज को अभी तक प्राप्त किया हुआ ज्ञान बाँटना चाहता हूँ !” परखी बुजुर्ग महात्मा ने एकदम समझ लिया कि यह व्यक्ति काबिल है , इसकी कामना सच्ची है और यह समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाने के लिए कृतसंकल्पित है !
कमल लगातार महात्मा जी के चरणों में गिरकर प्रार्थना किये जा रहा था – गुरु जी ! मुझे अपने श्रीचरणों में स्थान दे !
महात्मा जी ने कहा – “पुत्र ! आश्रम की परम्परा है कि तुम स्नान करके पवित्र हो और भगवान के आगे संकल्प धारण करो कि अपना कृतव्य सही तरह से निभाओगे ! अतः इस कार्य के लिए तुम कल प्रातः स्नान करके आश्रम आ जाना !”
उसके जाते ही वृद्ध महात्मा जी ने साफ – सफाई का कार्य करने वाली महिला को अपने पास बुलाया और कहा – ‘कल सुबह एक नया शिक्षक आयेगा ! जैसे ही यह आश्रम के नजदीक आये , तुम इस प्रकार से झाड़ू लगाना कि उसके चेहरे पर धुल गिर जाए ! लेकिन यह कार्य थोडा सावधानी से करना ! वह तुम पर हाथ भी उठा सकता है ! वह महिला महात्मा जी का बहुत सम्मान करती थी ! उसने उसकी आज्ञा को सहर्ष स्वीकार कर लिया !
बहुत ही प्रसन्न मुद्रा में कमल नहा – धोकर इठलाता हुआ आश्रम आने लगा ! जैसे ही वह नजदीक पहुंचा , महिला ने तेजी से झाड़ू लगाना शुरू कर दिया ! कमल के पुरे चहरे पर धुल चली गई ! उसके क्रोध की कोई सीमा न रही ! पास पड़े पत्थर को उठाकर वह महिला को मारने के लिए दोडा ! महिला पहले से ही सावधान थी ! वह झाड़ू फेक कर वहा से भाग खड़ी हुई ! अधेड़ के मुह में जो आया वह बकता चला गया !
कमल वापस घर गया और दुबारा स्नान करके महात्मा के पास लौटा !
तब महात्मा जी ने कहा – “ अभी तो तुम जानवरों के समान लड़ने के लिए दोड़ते चिल्लाते हो ! तुमसे अभी यहाँ शिक्षण कार्य नहीं होगा ! तुम यहाँ फिर से एक वर्ष के बाद आना तब तक जो कार्य करते हो वही करते रहो !”
कमल की इच्छा सच्ची थी ! उसकी महात्मा में श्रद्धा भी सच्ची थी ! एक वर्ष पूरा होते ही वह फिर महात्मा जी के समीप उपस्थित हुआ !
महात्मा जी ने आदेश दिया – “ पुत्र तुम स्नान करके कल सुबह आना !”
कमल के जाते ही महात्मा जी ने सफाई कर्मचारी को बुला कर कहा – “ वह फिर आ रहा है ! इस बार मार्ग में झाड़ू इस तरह से लगाना कि धुल के साथ – साथ उस पर झाड़ू की हल्की सी चोट भी लग जाए ! डरना मत , वह तुम्हे मारेगा नहीं ! कुछ भी बोले तो चुपचाप सुनते रहना !”
अगले दिन स्नान करके वह व्यक्ति जैसे ही द्वारा तक पहुंचा ! महिला झाड़ू लगाते हुए पहुँच गई ! महिला ने आदेशानुसार झाड़ू उस पर इस प्रकार से छुआ कि कपडे भी गंदे हो गए !
कमल को बहुत क्रोध आया , पर झगड़ने की बात उसके मन में नहीं आई ! वह केवल महिला को गालियाँ बक कर फिर से स्नान करने घर चला गया !
जब वह महात्मा जी के पास वापस पहुंचा , तब महात्मा जी ने कहा – “ तुम्हारी काबिलियत में मुझे संदेह है ! एक वर्ष के बाद फिर यहाँ आना !’
एक वर्ष और बीत गया ! कमल महात्मा जी के पास आया ! उसे पूर्व की भांति स्नान – ध्यान करने को कहा गया !
महात्मा जी ने उसके जाते ही उसी महिला को फिर से बुलाया और कहाँ – “ इस बार जब वह सुबह आये तो कचरे की टोकरी उस पर उड़ेल देना !
साफ – सफाई करने वाली महिला डर गई !
महिला ने कहा – “ वह व्यक्ति तो अति कठोर स्वभाव का है ऐसा करने पर तो वह मार – पिट पर उतर आयेगा !”
महात्मा जी ने उन्हें आश्वासन दिया – “ तुम चिंता मत करो ! इस बार वह कुछ नहीं कहेगा ! इसलिए तुम्हे भागने की आवश्यकता नहीं है !”
सुबह जैसे ही कमल आश्रम पहुंचा ! महिला ने अनजान बनकर पूरा कूड़ा – कचरा उस पर उड़ेल दिया !
पर यह क्या ! इस बार न तो वह गुस्सा हुआ और न ही मार – पिट करने के लिए दौड़ा !
कमल ने कहा – “ माता आप मेरी गुरु है !”
कमल ने महिला के सामने अपना सर झुका के कहा – “अपने मुझ मुर्ख – अभिमानी पर अतिकृपा की है !
आपके सहयोग से मेने अपने बड्पन्न के अहंकार और क्रोध – रूपी शत्रु पर विजय प्राप्त की है !
वह दुबारा घर गया ! स्नान करके फिर से आश्रम में उपस्थित हुआ !
इस बार महात्मा जी ने उन्हें गले लगा लिया और कहा – “ पुत्र ! तुमने अपने क्रोध पर काबू पा लिया है अतः अब तुम आश्रम में कार्य करने के सच्चे अधिकारी हो !
शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की अगर मनुष्य ने अपने क्रोध पर काबू पा लिया तो वह पूरी दुनिया जीत सकता है ! अतः क्रोध पर काबू पाना ही सबसे बड़ी विजय है !
दोस्तों उम्मीद करता हूँ Inspirational Story In Hindi Language कहानी आपको कैसी लगी ! आप हमें कमेंट के माध्यम से जरुर बताये ! Inspirational Story In Hindi Language.
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