भगवद्गीता अध्याय बारहवाँ अध्याय अर्थ सहित | Bhagwat Geeta Chapter 12 In Hindi
भगवद्गीता अध्याय बारहवाँ अध्याय (भक्ति योग ) अर्थ सहित | Bhagwat Geeta Chapter 12 In Hindi अर्जुन उवाच एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते ! ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः !! १ !! भावार्थ :अर्जुन ने पूछा – जो व्यक्ति आपकी सेवा में सदैव तत्पर रहते है , या जो अव्यक्त निर्विशेष ब्रहम की पूजा करते … Read more