गुरु नानक जी के 15 + दोहे हिंदी अर्थ सहित | Guru Nanak ji Ke Dohe In Hindi

गुरु नानक जी के 15 + दोहे हिंदी अर्थ सहित  | Guru Nanak ji Ke Dohe In Hindi

गुरु नानक देव जी को सीखो का प्रथम गुरु माना जाता है ! इन्हें लोग नानक जी, नानक देव , बाबा नानक तथा नानक शाह आदि नामो से भी जानते है ! गुरु नानक देव जी अपने उपदेशो के माध्यम से हमेशा उंच – नीच का भेदभाव मिटाने तथा सभी को सत्य के मार्ग पर चलने के उपदेश दिए है ! आज की इस पोस्ट में हम गुरु नानक देव जी दोहे प्रस्तुत कर रहे है ! तो आइये शुरू करते है Guru Nanak ji Ke Dohe In Hindi / Guru Nanak Ke Dohe In Hindi with Meaning

 

गुरु नानक के दोहे | Guru Nanak ji Ke Dohe In Hindi

 

-1-

जे हउ जाणा आखा नाही l

कहणा कथनु न जाई l

अर्थ : इस दोहे में गुरु नानक जी कहते है कि इस संसार में ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं है जो ईश्वर की ज्योति को जान लेने पर उसे शब्दों में व्यक्त कर सके ! वह तो कथन से परे है जिसे केवल ह्रदय में अनुभव किया जा सकता है !

In English : Meaning: In this couplet, Guru Nanak ji says that there is no such person in this world who, after knowing the light of God, can express it in words. That is beyond narration which can only be felt in the heart.


-2-

थापिआ न जाइ कीता न होइ l 

आपे आपि निरंजनु सोइ l

अर्थ : गुरु नानक जी कहते है कि ईश्वर निराकार है , वह अजन्मा , निराकार , मायातीत तथा अनंत है !

In English : Guru Nanak ji says that God is formless, He is unborn, formless, illusory and infinite.


-3-

ऐसा नामु निरंजनु होइ।

जे को मंनि जाणै मनि कोइ।

अर्थ : इस दोहे में गुरु नानक देव जी कहते है जो मनुष्य ईश्वर का स्मरण करता है उसका आनंद तो वह स्वयं ही बता सकता है ! अन्य कोई व्यक्ति प्रभु की भक्ति से मिलने वाले आनंद का वर्णन नहीं कर सकता है !

In English : In this couplet, Guru Nanak Dev ji says that a person who remembers God, he can tell his happiness by himself. No one else can describe the joy that comes from devotion to GOD.


-4-

रमी आवै कपड़ा। नदरी मोखु दुआरू।

नानक एवै जाणीऐ। सभु आपे सचिआरू।

अर्थ : नानक द्व जी इस दोहे के माध्यम से बताते है कि हमारे कर्मो के अनुसार ही हमें यह शरीर मिलता है ! यदि हमें मोक्ष प्राप्त करना है तो इसके लिए प्रभु की भक्ति करनी होगी ! इसलिए हमें अपने सारे छल – कपट को दूर कर हमेशा प्रभु का ध्यान करना चाहिए !

In English : Nanak Dwa ji tells through this couplet that according to our deeds we get this body. If we want to attain salvation, then for this we have to worship GOD. That is why we should always meditate on GOD by removing all our deceit and deceit.


-5-

गावीऐ सुणीऐ मनि रखीऐ भाउ।

दुखु परहरि सुखु घरि लै जाइ।

अर्थ : गुरु नानक देव जी मानना है जो व्यक्ति ईश्वर की भक्ति करता है मान – प्रतिष्ठा सब मिलती है ! इसलिए हमेशा उसके गुणों का यशगान करते रहना चाहिए !

In English : Guru Nanak Dev ji believes that the person who does devotion to God, gets respect and prestige. That is why one should always keep glorifying his virtues.


-6-

गुरा इक देहि बुझाई।

सभना जीआ का इकु दाता सो मैं विसरि न जाई।

अर्थ : गुरु नानक जी कहते है कि ईश्वर के गुणों का यशगान करने से और सुनने से तथा मन में भाव रखने से हमारे समस्त दुखो का नाश होता है और हमें असीमित सुख की प्राप्ति होती है !

In English : Guru Nanak ji says that by listening and singing the praises of the qualities of God and keeping a feeling in the mind, all our sorrows are destroyed and we get unlimited happiness.


-7-

जेती सिरठि उपाई वेखा

विणु करमा कि मिलै लई।

अर्थ : गुरु नानक जी कहते है कि इस संसार में हमें जो कुछ भी मिला है वह सब अपने कर्मो से ही मिला है ! कुछ भी प्राप्त करने के लिए हमें कर्म अवश्य करना पड़ता है ! इसलिए प्रभु की प्राप्ति भी बिना कर्म किये कैसे संभव हो सकती है ! परन्तु किसी भोतिक वस्तु की चाहत में किये गए कर्म व्यर्थ है !

In English : Guru Nanak ji says that whatever we have got in this world, we have got it through our own actions. To achieve anything, we must do karma. Therefore how can the attainment of GOD be possible without doing any work. But the work done in the desire of any material thing is in vain.


-8-

तीरथि नावा जे तिसु भावा

विणु भाणे कि नाइ करी।

अर्थ : नानक देव जी कहते है कि हमारा तीर्थो में स्नान करना तभी सार्थक है जब यह प्रभु को मंजूर हो ! बिना प्रभु की मान्यता के तीर्थो के स्नान का कोई अर्थ नहीं है !

In English : Nanak Dev Ji says that it is worthwhile to take a bath in our pilgrimages only when it is approved by the Lord. There is no meaning of bathing in pilgrimages without the recognition of GOD.


-9-

गुरा इक देहि बुझाई।

सभना जीआ का इकु दाता

सो मैं विसरि न जाई।

अर्थ : गुरु नानक जी कहते है कि सभी जीवो का सृष्टिकर्ता केवल परमात्मा है ! उस परमपिता को हमें सर्वदा याद रखना चाहिए !

In English : Guru Nanak ji says that only God is the creator of all living beings. We should always remember that Supreme Father.


-10-

करमी आवै कपड़ा। नदरी मोखु दुआरू।

नानक एवै जाणीऐ। सभु आपे सचिआरू।

अर्थ : गुरु नानक देव जी कहते है कि हमारे अच्छे और बुरे कर्मो से यह शरीर बदल जाता है ! यदि हमें मोक्ष प्राप्त करना है तो उसके लिए ईश्वर की भक्ति करनी होगी ! हमें अपने सभी भ्रमो का नाश करके ईश्वर तत्व का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए ! हमें यह विश्वास करना चाहिए कि ईश्वर हर जगह मौजुद है !

English : Guru Nanak Dev Ji says that this body is changed by our good and bad deeds. If we want to attain salvation, then we have to worship God for that. We should destroy all our illusions and get the knowledge of God element. We must believe that God is present everywhere.


-11-

फेरि कि अगै रखीऐ। जितु दिसै दरबारू।

मुहौ कि बोलणु बोलीएै। जितु सुणि धरे पिआरू।

अर्थ : गुरु नानक जी कहते है कि हमें यह ज्ञात नहीं है उसे क्या अर्पण किया किया जाये जिससे वह दर्शन दे ! हम उसे कैसे याद करे , उसका कैसे गुणगान करे की वह प्रसन्न होकर हम पर कृपा करे !

In English : Guru Nanak ji says that we do not know what should be offered to him so that he may have darshan. How should we remember him, how should we praise him so that he may be pleased and bless us.


-12-

मंनै मुहि चोटा ना खाइ।

मंनै जम कै साथि न जाइ।

अर्थ : गुरु नानक देव जी कहते है कि जो मनुष्य ईश्वर की भक्ति करता है वह काल मृत्यु के घाट से भी सुरक्षित रहता है ! वह मौत के मुह में जाने से बच जाता है ! वह अमरता को प्राप्त करता है ! उसे मृत्यु दूत नहीं ले जा पाते है !

In English : Guru Nanak Dev Ji says that a person who does devotion to God is safe even from the death of Kaal. He is saved from going to the mouth of death! He attains immortality! The angel of death cannot take him.


-13-

साचा साहिबु साचु नाइ। भाखिआ भाउ अपारू।

आखहि मंगहि देहि देहि। दाति करे दातारू।

अर्थ : गुरु नानक देव जी कहते है कि ईश्वर सत्य है उसका नाम सत्य है ! अलग विचारो एवं भावो तथा बोलियों से उसे भिन्न नाम दिए गए है ! प्रत्येक जीव उसके दया की भीख मांगता है तथा सब जीव उसकी कृपा के अधिकारी है ! वह भी हमें अपने कर्मो के अनुसार अपनी दया प्रदान करता है !

In English : Guru Nanak Dev Ji says that God is truth, his name is truth. Different names have been given to him with different thoughts and feelings and dialects. Every living being begs for his mercy and all living beings are worthy of his grace. He also gives us his mercy according to his deeds.


-14-

मंनै तरै तारे गुरू सिख।

मंनै नानक भवहि न भिख।

अर्थ : गुरु नानक देव जी कहते है कि जो मनुष्य निरंतर ईश्वर की भक्ति करता है वह तो स्वयं संसार रूपी सागर को पार कर ही जाता है , वह अपने साथ सभी गुरु भाइयो को भी तार देता है ! नानक जी का विश्वास है कि वह 84 लाख योनियों में नहीं भटकता है ! उसमे तब किसी तरह की इच्छा भी नहीं रह जाती है !

In English : Guru Nanak Dev ji says that a person who constantly does devotion to God, he himself crosses the ocean of the world, he also gives wires to all the guru brothers with him. Nanak ji believes that he does not wander in 84 lakh yonis. There is no desire left in him then.


-15-

मंनै पावहि मोखु दुआरू।

मंनै परवारै साधारू।

अर्थ : गुरु नानक जी कहते है कि ईश्वर का स्मरण करने वाला ही मुक्ति , मोक्ष का अधिकारी है ! वह अपने पुरे परिवार को भी ईश्वर के सानिध्य में लाकर उन्हें तार देता है !

In English : Guru Nanak ji says that only one who remembers God is entitled to salvation, salvation. He also brings his entire family in the company of God and gives them wires.


-16-

कागदि कलम न लिखणहारू।

मंने काबहि करनि वीचारू।

अर्थ : गुरु नानक जी कहते है की ऐसी कोई कागज और कलम नहीं बनी है और न ही कोई ऐसा लिखने वाला बना है , जो प्रभु के नाम की महता का यशोगान कर सके !

In English : Guru Nanak ji says that no such paper and pen has been made, nor has there been any such writer, who can glorify the importance of the name of the Lord.


दोस्तों Guru Nanak JI Ke Dohe In Hindi आपको कैसे लगे , हमें कमेंट के माध्यम से जरुर बताये !

 

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